तेरा मेरा साथ रहे-अद्भुत कहानी (राइटर मोनिका)




प्यार और प्रेम की निसानी, तेरा मेरा साथ रहे--अद्भुत कहानी  ---

वो जमाने से मेरे थे, पल पल में अपनी खबर दिया करते थे और मेरी खबर लिया करते थे । मैं शुरू से ही उनको बहुत प्रेम करती थी मानो ऐसा लगता था की हर जन्म से मैं इन्ही की हूँ । मौसम सारे आते हमारे प्यार के लेकिन जब जब ये मौसम आता तो हम एक दूसरे के और करीब आ जाते बारिश की पहली बून्द के साथ उनकी याद भी जैसे खास होती जाती फिर जब जब बारिश होती, हम उनकी यादों से बंधते चले जाते ये रिश्ता इतना खाश था मेरे लिए इतनी मिठास थी इस रिश्ते में की मैं हर पल इनके सपने देखने लगती मानो 

जैसे-तो मेरा देखा हुआ हर सपना पुरा होगा ,


तेरा मेरा साथ रहे--अद्भुत कहानी (Amazing Story-of Life)

बात थी ये उन दिनों की जब ये मेरे प्यार की पहली बरसात थी मैं भीग गयी थी और मेरे साथ उनकी याद थी यू तो मैं ऐसे सोचती थी हमेशा की मेरा प्यार मेरा नहीं हुआ तो क्या हुआ उसकी यादे तो आज भी मेरे जहन में जिंदा है कौनसा दिन था मुझे तो ये भी नहीं याद कब मैं उनसे अलग हो गई उन समन्दर सी गहरी आंखों ने मुझे इतना प्यार दिया था की आज भी वो प्यार मेरे लिए किसी पूजा से कम नहीं

शाम को हर रोज की तरह मैं मंदिर से लौट रही थी की अचानक से एक बाइक मेरे सामने आकर रुकी मैं डर गई और डर से मेरी आँखें एक पल के लिए बंद हो गयी मेरे चेहरे पर हल्का सा डर बैठा था फिर मैंने धीरे धीरे अपनी आँखे खोली तो मैं फिर से शोक में थी जिस चेहरे को देखने के लिए मेरी आँखें तरस गयी थी 

आज वो चेहरा मेरे सामने था मैं कुछ बोल नहीं पा रही थीं और मेरी नजरे उस चहरे से हटना नही चाह रहीं थी की तभी मेरे कानों में एक आवाज गुंजी ,ऐ मोटी चल बैठ बाइक पे मैं अभी भी होश में नहीं थी बस उस चेहरे को देखती जा रही थी सांस मेरी रुक गयी थी धड़कने और जोर से धड़क रही थी इसपे मौसम ने भी अपना मन बदल लिया कंही हल्की शाम थी और वो बारिश के बदलो में तब्दील हो गयी हर वक्त का ये मंजर जब भी मेरी जिंदगी में आता हैं तो मेरी जिंदगी और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाती हैं ।

मोनू बाइक से नीचे उतरता है और मीरा को होश में लाता है कन्हा खो गयी मीरा हर बार की तरह तुम इस बार फिर ..........? 

 इतना प्यार करती हो मुझसे तुम अब मीरा होश में आती है और रोने लगती है रोते रोते वो मोनू को गले लगाके कहती है तुम आते ही इस तरह से हो की मैं तुम्हे देखते ही खो जाती हूं मुझे ऐसा लगता हैं मानो मैं कोई सपना देख रही हूँ मोनू उसकी आँखों को पोंछते हुए बोलता हैं अरे पगली तो मै तो हमेशा तुम्हारा ही रहूँगा ना चाहे जैसे मैं आउ देखो मीरा तुम हर पल मेरे ख्याल में डूबी मत रहा करो ।

 कभी तो खुद की फिक्र भी कर लिया करो आख़िर अपन जी तो एक दूसरे के लिए ही रहे हैं ना तो वादा करो आज एक मुझसे एक खुद से की अपना ध्यान रखोगी हमेशा वो दोनों बाते कर ही रहे होते है कि बारिश आ जाती है अचानक से दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगते है और यही सोचते हैं जब भी सावन की तीसरी बारिश होती है तब दोनो मिलते है या यूं कहें की इनके मिलने पर ही सावन की तीसरी बरसात होती है हर बार की तरह इस बार भी मीरा मोनू का इंतजार कर रही होती है सावन की दो बारिश हो चुकी होती है इस बार भी वो यही सोचती हैं की कब मोनू आएगा और कब उसकी जिन्दगी में एक और हसीन लम्हा जुड़ जाता है.......


मोनू और मीरा अद्भुत कहानी (Amazing Story-of Life)



हमने मोनू और मीरा कहानी में अब तक पढ़ा की मीरा और मोनू एक दूसरे से प्यार करते और वो हर साल सावन की तीसरी बारिश में मिलते है या यु कहे तो उनके मिलने पर ही सावन की तीसरी बारिश होती है अपने सुना होगा अक्सर जब भी दो प्यार करने वाले मिलते है बिन मोसन भी बरसात हो जाती और कुछ ऐसा ही हमारी इस कहानी में होता है' कहने को तो लोग प्यार करते है लेकिन जो सच्चा प्यार करते है वो तो सिर्फ लोगो के सामने एक मजाक बनके रह जाते सच बताऊ तो सबके साथ ऐसा ही होता है हमेसा चाहे लोग अपने प्यार को साबित करने की कितनी कोशिश कर ले लेकिन जिसे याकिन नहीं होना होता है उसे कभी होता भी नहीं है प्यार एक खूबसूरत तोहफा है उस ऊपर वाले का दिया हुआ लेकिन लोगों के लिए तो आज प्यार किसी जिंदगी खराब करना है ओर कुछ नहीं चलिए अब अपनी कहानी की ओर बढ़ते है।........................



मीरा ओर मोनू स्कूल मे साथ पढ़ते थे दोनों अलग अलग क्लास मे थे मोनू मीरा से बड़ा था तो वो उस से एक क्लास आगे था दोनों एक दूसरे को कभी देखे भी नहीं थे वेसे कहने को तो पड़ोसी थे लेकिन कभी एक दूसर को देखा नहीं था कभी बात भी नहीं की थी वो बस जेसे शहर के लोग रहते थे उसी तरह से उनके परिवार रहते थे एक तरह से देखा जाए तो उनका गाव भी किसी सिटी से काम नहीं था लेकिन लोगों का जितना मन होता है वो उतनी ही तो बात करते है कुछ इसी तरह का परिवार था उन दोनों का भी मीरा बचपन से ही बहुत काम बोलने वाली लड़की थी ओर मोनू सबसे ज्यादा शेतान स्कूल मे सब उससे डरते थे ।


एक मीरा ऐसी ऐकेली लड़की थी जिसने अभी तक ना तो मोनू का नाम सुना था ओर ना ही उसे ये पता था की उसके स्कूल मे ऐसा कोई लड़का भी जिससे पुरी स्कूल के बच्चे डरते है क्योंकि अभी स्कूल शुरू हुए थे ओर मीरा का दाखिल स्कूल मे लेट हुआ था उसके पापा का तबादला मोनू के गाव मे हुआ था ओर वो लोग अभी वह नये ही थे तो अभी उनकी किसी से इतनी बात भी नहीं हुई थी मीरा के एक छोटा भी है जो अभी स्कूल जाने वाला नहीं है वो मम्मी के पास घर पर ही रहता है मीरा ऐकेली स्कूल जाती है पापा के ऑफिस के रास्ते मे ही मीरा का स्कूल पड़ता है तो जाते हुए पापा उसे स्कूल छोड़के जाते है आते समय मीरा ऐकेली घर आती है।



मीरा ज्यादा बड़ी नहीं है फिर भी वो बहुत समझदार है उसकी मम्मी ने उसे उसकी उम्र के हिसाब से हर सिख दी है वो नहीं चाहती की बड़ी होने के बाद उनकी बेटी कोई ना समझी का काम करे लेकिन किसे पता थे इतना समझाने के बाद भी मीरा ये गलती करेगी ? मीरा बचपन से ही अपने मम्मी – पापा की लाड़ली रही है उसे हर खुसी दी है उसके मम्मी – पापा ने लेकिन यह हम ये नहीं कह सकते की मा – बाप ने सही परवरिश नहीं दी


जब ये उम्र आती है तो बड़े बड़े बहक जाते है फिर मीरा की उम्र तो अभी अपन क्या ही माने मीरा पाँचवी क्लास मे थी जब उसका दाखिल उस स्कूल मे हुआ था उस समय मोनू छटी क्लास मे था मीरा का भी उस काफी छोटा था ओर मीरा के होने के बाद घर वालों को ये उम्मीद भी नहीं थी की मीरा की मम्मी के ओर बच्छे होंगे क्योंकि मीरा की मीरा की मम्मी बस एक बेटी ही रखना चाहती थी वो पढ़ी लिखी नए जमाने की लड़की थी यही देख के मीरा के पापा ने उनसे शादी की थी उनकी भी दोनों की अपनी पसंद थी 


मीरा के पापा पोस्ट ऑफिसर थे उनकी ऊंची पोस्ट थी ऑफिस मे वो सबके बॉस थे ओर मीरा मम्मी की भी पूरी पढ़ाई करके नोकरी की तैयारी कर रही थी मीरा के पापा की जॉब लगी ही थी ओर उनके घर वालों को शादी की पड़ी थी लेकिन जमाने को देखते मीरा के पापा को किसी पर भरोसा नहीं था की इस दुनिया मे कोइ ऐसा लड़की होगी जो उनकी जिदंगी को ओर खूबसूरत बना देगी वेसे तो उनकी जिदंगी ठीक थी लेकिन घर परिवार ओर नोकरी के चक्कर मे वो कभी खुद को समय नहीं दे पाए ओर नहीं कभी ये सोचा की उनको भी कभी किसी से प्यार हो सकता है वो हमेशा अपने काम मे व्यस्त रहते थे।  
                                             
 
 
 एक दिन मीरा की मम्मी उनके पोस्ट ऑफिस मे गई थी लेटर पोस्ट करने तो पता नहीं उनको ऐसा क्या दिखा की वो तो जेसे उनके ऊपर फिदा हो गए ओर उधर घर वालों को शादी की जल्दी थी तो उन्होंने उसी समय सोच लिया की वो इसी लड़की से शादी करेगे तो फिर उन्होंने मीरा की मम्मी की इनफार्मेशन निकली तो वो उनके रिस्तेदारी मे ही निकली तब उन्होंने घर वालों को बोल दिया की मुझे इसी लड़की से शादी करनी है।

घर वालों को परेशानी नहीं थी लेकिन वो नहीं चाहते थे की मीरा के पापा अपनी पसंद से शादी करे लेकिन उन्होंने साफ शब्दों मे बोल दिया था तो घर वालों को शादी की बात आगे बढ़नी पड़ी ओर जब मीरा की मम्मी ने मीरा के पापा यानि अविनाश को देखा तो उसने बिना कुछ सोचे समझे शादी के लिए हाँ कर दी क्योंकि अभी कुछ ही दिनों पहले वो अविनाश से मिली थी ऐसे ही फिर कुछ दिन तक सगाई रही ओर सगाई के आठ महीने बाद शादी हो गई शादी के दो साल बाद मीरा हो गई और मीरा के छ साल बाद उसका भाई हुआ निखिल अभी मीरा की मम्मी यानि साक्षी
              

साक्षी ओर अविनाश अद्भुत कहानी (Amazing Story-of Life)



 साक्षी ओर अविनाश अपनी जिदगी से बहुत खुश थे ओर जब मीरा ने उनके घर मे जन्म लिया तो उनकी खुशी ओर ज्यादा बढ़ गई साक्षी शादी के बाद नोकरी करना चाहती थी लेकिन जब उसकी शादी अविनाश से हुई तो उसे नोकरी की तैयारी करने का मोका नहीं मिल ओर ना ही वो अविनाश से कभी कह सकी की उसे भी नोकरी करनी घर की जीमेदारी उसको संभालनी थी इस लिए वेसे तो अगर वो अविनाश को बोलती की उसे नोकरी करनी है तो अविनाश कभी उसे मना नहीं करता लेकिन इतना तो वो खुद भी समझती थी की आइक बार जब इंसान शादी मे बांध जाता है तो उसके सारे अरमान छूट जाते है।

 बस इन्ही के चलते उसके भी सारे अरमान दबे के दबे ही रह गए ओर वो कभी अविनश से कह नहीं पाई की उसे भी नोकरी करनी है बस ऐसे ही चलते चलते वो दोनों अपनी जिदंगी कितना आगे निकाल आए थे उनको खुद को भी नहीं पता था लोग उनकी जिंदगी की मिसले दिया करते है की दोनों ने केसे अपनी जिदंगी को सफल बनाया है अविनाश शुरू से ही बहुत मेहनत करता था लेकिन जब उसकी जिदंगी मे साक्षी आई तो उसली मेहनत ओर ज्यादा रंग लाई और वो खाली अपनी पोस्ट से ऊंचा उठाके पोस्ट ऑफिसर बन गया था अविनाश हमेशा अपनी बीवी ओर बच्चों को खुश रखता था ओर साक्षी भी हमेशा अविनाश का पूरा ध्यान रखती थी जब दूसरे शहर से अविनश का तबादला मोनू के शहर मे हुआ तो वो वह किसी को नहीं जानते थे अभी उनको आए हुए कुछ दिन ही तो हुए थे   



 ऐसे मे मीरा के लिए उसका स्कूल बहुत नया था और नए लोग मीरा किसी से बात नहीं करती थी ना तो स्कूल मे ना ही पड़ोस के बच्चों से जेसे जेसे समय बीतता गया मीरा से सब बात करने लग गए थे एक लड़की जो मोनू पड़ोसी थी ओर मीरा के घर के बाद उसका घर था ओर उसके बाद मोनू का घर था एक दिन हुआ यू की मोनू की क्लास के लड़के ने मीरा को छेड़ दिया मीरा कोई ऐसी वेसी लड़की थोड़ी थी जो उसकी बाते सुन लेती मीरा बहुत बहादुर ओर होशियार लड़की थी उसने जाके उसकी सिकायत कर दी ओर सिर ने उस लड़के की जमके पिटाई की इस बात का पता जब मोनू को चला तो वो मीरा से लड़ने चला गया ओर जाके उसने देखा की मीरा ऐकेलों छुट्टि के बाद अपने घर जा रही थी और उसके दोस्त ने इशारा करके बताया की ये मीरा वही लड़की थी जिसने मोनू के दोस्त की पिटाई कराई थी मीरा चुप चाप जाती रहती की अचानक से मोनू उसके सामने आकार अपनी साइकल रोकता है एक पल के लिए तो मीरा डर जाती है की ये क्या है।


मोनू और मीरा अद्भुत कहानी (Amazing Story-of Life)

                        


मोनू कभी दूर नही हो सका ना ही मीरा कभी उसको खुद से अलग कर पायी लेकिन ये बात तो हमने कहानी के शुरआत में ही जान ली थी कि मीरा और मोनू इतना पास होने के बाद भी कभी साथ ना हो सके मीरा जो हर पल मोनू के बारे मे सोचती रहती थी उस लड़की पर कभी मोनू ने यकीन नहीं किया था की वो उस से सच में प्यार करती है सच्चे इंसान के साथ हमेशा ऐसा ही होता है मीरा की बचपन की मोहब्बत अधूरी ही रही वो कभी पुरी नहीं हुई जैसे मीरा ने सपने देखे थे उसके सारे सपने टूट के बिखर गए और वो हमेशा के लिए मोनू से अलग हो गयी कभी उसकी नही हो सकी क्योकि वो उसको हमेशा अपनी यादों में जिता देखती थी।





 सावन की वो बारिश जब मीरा मोनू का इंतजार कर रही थी तब उस दिन मोनू मीरा से मिलने नही आ पाता है और मीरा देर तक मोनू का इंतजार करती रहती हैं हमेशा मिलने वाली जगह उस दिन मोनू की कॉलेज का आखिरी दिन होता है और मोनू पूरे कॉलेज में पहले फर्स्ट आता है वो ये खुशी सबसे पहले मीरा को बताना चाहता है और घर पहुचते ही वो मीरा से मिलने जाता है तो रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो जाता है और मोनू की वही डेथ हो जाती है इस बात का पता मीरा को अभी तक नही पता होता वो उधर इन सब बातों से बेखबर होकर मोनू का इंतजार कर रही होती है जब उसको ये लगता है की अब बहुत देर हो गयी मोनू नही आएगा तब वो वहा से चली आती है और उसे इन सारी बातों का पता रास्ते मे चलता हैं ये सुनते ही मीरा जोर से चीखती है
मोनू______________________????????????


मोनू अब इस दुनिया में नहीं है मीरा उसके घर जाती है वहाँ उसको कोई नही मिलता वो शमशान घाट जाती हैं मोनू का अंतिम क्रिया कर्म चल रहा होता हैं की मीरा सबको रोक देती हैं और मोनू के पास जाकर खूब रोती है और उसी वक्त फिर बारिश होती हैं और फिर मीरा को पकड़ के ले जाते है मीरा पुरी रात भर मोनू का नाम ले लेकर रोती रहती है फिर मीरा के कान में एक आवाज आती हैं ऐ पगली मै हमेशा तेरे साथ हु तू कंही भी बुला लेना चाहें





The-And Amazing Story-of Life

मीरा सोचने लग जाती हैं मोनू की तस्वीर को गले लगाके फिर खूब रोती हैं दोनो का प्यार एक मिसाल था सबके लिए लेकिन किस्मत कब धोखा दे जाए किसको पता होता हैं आज मीरा मोनू की यादों के सहारे अपनी जिंदगी गुजार रही है उसे किसी से कोई उम्मीद भी नहीं है बस ये एक अहसास की मोनू उसके साथ है आज भी कल भी ।

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